कौन हो तुम??
आसमान मे चमकता तारा तो नहीं ,
तुम आफ्ताब ,या कोई हंसी नजारा तो नहीं;
फिर कौन हो तुम??
खिलखिलाती सुबह हो,
या फिर महकती शाम हो ?
सावन की फुहार हो,
या फिर लहरो की करतार हो ?
चाँद की चाँदनी की तरह लगती हो
आखिर कौन हो तुम??
सुबह की मीठी नींद हो ,
या फिर शाम का कीर्तन ?
शायर की शायरी हो ,
या फिर प्यार का पहला स्पर्श ?
सरसो के फूलों मे लेटी ,ओस की बूँद की तरह हो ;
कौन हो तुम??
पंछियो का कलरव हो,
या फिर मन्दिर की घंटा ध्वनि ?
सर्दियो का अलाव हो,
या तप्ती दोपहरी मे बरगद की घनी छंiव ?
रिमछिम बारिश मे उडती फुहार के जैसी लगती हो ;
आखिर कौन हो तुम??
आसमान मे चमकता तारा तो नहीं ,
तुम आफ्ताब ,या कोई हंसी नजारा तो नहीं;
फिर कौन हो तुम??
खिलखिलाती सुबह हो,
या फिर महकती शाम हो ?
सावन की फुहार हो,
या फिर लहरो की करतार हो ?
चाँद की चाँदनी की तरह लगती हो
आखिर कौन हो तुम??
सुबह की मीठी नींद हो ,
या फिर शाम का कीर्तन ?
शायर की शायरी हो ,
या फिर प्यार का पहला स्पर्श ?
सरसो के फूलों मे लेटी ,ओस की बूँद की तरह हो ;
कौन हो तुम??
पंछियो का कलरव हो,
या फिर मन्दिर की घंटा ध्वनि ?
सर्दियो का अलाव हो,
या तप्ती दोपहरी मे बरगद की घनी छंiव ?
रिमछिम बारिश मे उडती फुहार के जैसी लगती हो ;
आखिर कौन हो तुम??
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