Friday 15 January 2016

कौन हो तुम??

कौन हो तुम??

आसमान मे चमकता तारा तो नहीं ,
     तुम आफ्ताब ,या कोई हंसी नजारा तो नहीं;
 फिर कौन हो तुम??

खिलखिलाती सुबह हो,
              या फिर महकती शाम हो ?
सावन की फुहार हो,
            या फिर लहरो की करतार हो ?
  चाँद की चाँदनी की तरह लगती हो
       आखिर कौन हो तुम??

सुबह की मीठी नींद हो ,
                 या फिर शाम का कीर्तन ?
शायर की शायरी हो ,
            या फिर प्यार का पहला स्पर्श ?
सरसो के फूलों मे लेटी ,ओस की बूँद की तरह हो ;
         कौन हो तुम??

पंछियो का कलरव हो,
               या फिर मन्दिर की घंटा ध्वनि ?
सर्दियो का अलाव हो,
           या तप्ती दोपहरी मे बरगद की घनी छंiव ?
रिमछिम बारिश मे उडती फुहार के जैसी लगती हो ;

आखिर कौन हो तुम??

No comments:

Post a Comment